****************************************** भाग 5 ------------------------------------------------------------------- राजू चाचा से सबकुछ बताने के बाद किसी समाधान की उम्मीद में इस तरह बैठा था जैसे किसान बादल के इंतजार में, प्यासा पानी के इंतजार में, प्रेमी प्रेमिका के इंतजार में, चकोर चाँद के इंतजार में, विरहिणी पिया के इंतजार में । उसे पूरा विस्वास था कि इस समस्या का समाधान जरूर होगा और कैसे भी करके उसे बाहर निकाल ही लेंगे । इधर राजू चाचा शायद रवि के व्यवहार पर अंदर ही अंदर हँस रहे होंगे कि क्या मूर्ख लड़का हैं, तभी तो उनके जबाब ने रवि के उम्मीद को सातवें आसमान से पाताल लोक में फेंक दिया । कहाँ उम्मीद थी कि इस चक्रव्यूह से बचा लेंगे लेकिन जबाब उनका कुछ और ही था । राजू :- अरे बुड़बक, जब लड़की सामने से ऑफर दे रही हैं तो तू पीछे भाग रहा है । अरे अब तेरी उम्र हो गई है, अब तू जवान हो रहा है । रवि :- चाचा, आप यह क्या बोल रहे हैं ? आपको अंदाजा भी...