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                  महामना आपकी बगिया

महामना आपकी बगिया आपसे कुछ कह रही है
अपनी अस्मिता की ख़ातिर, पत्थरों से लड़ रही है
कभी कुचला जाता था पैरों तले, बाद में गर्भ में कुचल दी गई
जब आपसे माँगने लगी इंसाफ़ तो, आपके कथित नुमाइंदों द्वारा मसल दी गई
आख़िर कब तक सत्य के बाद आत्मरक्षा करेगी आपकी बगिया
अब पहले आत्मरक्षा बाद में सत्य जानना चाहती है बगिया
भारतरत्न आप फिर से आओ क्योकि आपके बाग पर कौओं की नज़र पड़ गई है
कुंठाओं में ग्रसित रहकर, आत्मा उनकी सड़ गई है
महामना आज आप ही बताइये, किसी ने आपको कालिख़ पोती क्या ?
या कुछ लोगो को बहुत स्वादिष्ट लगने लगा है, आपकी बगिया की बोटी क्या ?
आपकी बगिया पर आज कौए रोज इतराते है
नोंच कर इसकी बोटी बोटी, खूनी फाग मानते है
महामना आपको आना होगा, बगिया आज खतरे में हैं
आपके हर एक बेटी की अस्मिता खतरे में है
आइए आप मार दीजिए कौओं को या मिटा दीजिए बगिया को
ताकि कोई आँच न आये फिर से आपकी बगिया को

                            उज्ज्वल कुमार सिंह
                                 हिन्दी विभाग
                       काशी हिन्दू विश्वविद्यालय

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