Skip to main content

Posts

Showing posts from September, 2018

सुलगता रहा सर्व विद्या की राजधानी, सुलगाता रहा प्रशासन

खैर, भला हो उन सभी का जो BHU को अपने बाप की जागीर समझ बैठे हैं । अरे भैया हम अपने बाप की जागीर में चाहे आग लगाए चाहें बम फोड़ें आप कौन होते हैं .......? कुछ यहीं हाल हैं दान के पैसों से निर्मित, महामना की तपोस्थली सर्व विद्या की राजधानी और काशी का दिल कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय का ...।      किसको परवाह है कि हम जो कर रहे हैं वह सीधे तौर पर उस महामना का अपमान है जिन्होंने अपने जीवन को भारत के निर्माण के लिए समर्पित कर के और रात दिन के अथक प्रयास से दान का एक-एक पैसा जोड़कर इस विश्वविद्यालय का निर्माण कराया, और क्या वह यहीं देखने के लिए इस पुनीत कार्य को अंजाम दिए थे कि इसी विश्वविद्यालय की नमक रोटी खाने वाले इसे अपने बाप की जागीर के तौर पर बर्बाद कर देंगे । विश्वविद्यालय से मोटी तनख्वाह पाने वाले प्राध्यापक, प्रॉक्टोरियल बोर्ड के चाचा ( जिनको खाकर चौड़ियाने के अलावा कोई काम नहीं ) और इनके संरक्षण में रह रहे छात्रों को जब मन हुआ दीवाली का बम-बम खेलने लगे, जब युद्धाभ्यास का मन हुआ लाठियां भांजी, जब मन हुआ होली का पथराव करने लगे, जब रौशनी कम हुई दो-चार गाड़ियां फूं...