मुझे मिल गई मेरी सपनों की रानी क्या मैं सुनाऊ अपनी कहानी जब से मेरी उस से नैन मिली हैं मेरे दिल के अंदर, खुशियां खिली है प्यासे हृदय को मिली, शीतल पानी मुझे मिल गई मेरी सपनों की रानी -2 उसके कपोलों का दीवाना हुआ हूँ की ऐसी जादू, उसकी परवाना हुआ हूँ चेहरा है चंद्रमुखी, पाँव में जो पायल छनक-छनक मुझको करे तो घायल मेरी महबूबा है, बहुत सयानी मुझे मिल गई मेरी सपनों की रानी -2 उर जिसका निर्मल है, कटी है निराली मेरे मन को मोहे, अधरों की लाली नैन है जिसकी, मृग जैसा चंचल मुझको समेटे है , उसके दिल के अंचल कैसे बताऊ मैं अपने प्यार की कहानी मुझे मिल गई मेरी सपनों की रानी -2 झुल्फों की साया में, मैं ठहर जाऊ जहाँ भी मैं जाऊ, केवल उसी को मैं पाऊ सपनों में, यादों में , मेरे ख्यालों में समाई हर जगह देखता हूँ, तेरी परछाई प्यार उसका दान है, ओ सबसे बड़ी दानी मुझे मिल गई मेरी सपनों की रानी उज्ज्वल कुमार सिंह ...